NCERT Solutions for Class 5 Hindi Grammar Chapter 3 संज्ञा (Sangya) aur Sangya ke bhed updated for academic session 2023-2024 CBSE board and most of the state board students. Definition and examples for all the topic related to Sangya are given here, so that students can prepare well for exams.
Class 5 Hindi Grammar Chapter 3 Sangya aur Sangya ke bhed
कक्षा: 5 | हिंदी व्याकरण |
अध्याय: 3 | संज्ञा और संज्ञा के भेद |
CBSE NCERT Class 5 Hindi Grammar Chapter 3 Sangya aur Sangya ke bhed
संज्ञा किसे कहते हैं?
किसी व्यक्ति, पशु-पक्षी, वस्तु, गुण, भाव, अवस्था के नाम को संज्ञा कहते हैं। हम जानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव, गुण और अवस्था का अपना-अपना नाम होता है। व्याकरण में इस नाम को ही संज्ञा कहते हैं। संज्ञा के तीन प्रमुख भेदों के बारे में हम पढ़ चुके हैं। यहाँ हम उसके दो अन्य भेदों की चर्चा करेंगे। इस प्रकर संज्ञा के कुल पाँच भेद हुए:
- व्यक्तिवाचक
- जातिवाचक
- भाववाचक
- समूहवाचक
- द्रव्यवाचक
व्याक्तिवाचक संज्ञा
किसी विशेष व्यक्ति, प्राणी, वस्तु या स्थान आदि के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। अन्य उदाहरण- ताजमहल, हिमालय, महाभारत, भारत, गंगा, मदर टेरेसा आदि।
उदाहरण:
- लाल किला दिल्ली में स्थित है। (लाल किला एक विशेष इमारत का नाम है। दिल्ली एक विशेष शहर का नाम है।)
- हमने हिंदी बातचीत की। (हिंदी एक विशेष भाषा का नाम है।)।
- पढ़ाई समाप्त करके महात्मा गांधी स्वदेश लौट आए। (महात्मा गांधी एक महान व्यक्ति का नाम है।)
इस प्रकार लाल किला, हिंदी, महात्मा गाँधी शब्द किसी-न-किसी विशेष व्यक्ति, इमारत, नदी या भाषा के नाम हैं। ऐसी विशेष संज्ञाओं को व्याक्तिवाचक संज्ञाएँ कहते हैं।
जातिवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से उसके पूरे वर्ग या जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। अन्य उदाहरण- देश, नेता, पक्षी, फूल, बच्चे, मकान, गाय, गाँव आदि।
उद्धाहरण:
• लड़का गरीब था। (प्रत्येक लड़का को लड़का कहते हैं।)
• नदी पर्वत से निकलती है। (हर नदी को नदी और हर पर्वत को पर्वत कहते हैं।)
• गाड़ी सुंदर है। (प्रत्येक गाड़ी को गाड़ी कहते हैं।)
इन वाक्यों में लड़का, नदी, गाड़ी संज्ञा शब्द अपने पूरे वर्ग या जाति को सूचित करते हैं। जातिसूचक होने के कारण ये सभी संज्ञाएँ जातिवाचक संज्ञाएँ हैं।
भाववाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से किसी प्राणी या वस्तु के किसी गुण, भाव या दशा (अवस्था) का बोध होता हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
उद्धाहरण:
• हम बचपन को याद करते हैं।
• शिक्षक ने छात्र की प्रशंसा की।
• लेखक को अपनी पुस्तक से प्रेम है।
उपरोक्त वाक्यों में बचपन, प्रशंसा, प्रेम संज्ञा शब्द किसी-न-किसी भाव, गुण या अवस्था का बोध कराती है। भाव, गुण अवस्था आदि का हम केवल अनुभव कर सकते हैं, इन्हें देख या छू नहीं सकते। ऐसी संज्ञाओं को भाववाचक संज्ञा कहते है।
समूहवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा शब्द से एक ही जाति के व्यक्ति या व्स्तुओं के समूह का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
उद्धाहरण:
यह पशुओं का झुंड है।
चींटियाँ परिवार में रहती हैं।
यह अंगूर का गुच्छा है।
इन वाक्यों में झुण्ड, परिवार, गुच्छा शब्द किसी-न-किसी समूह को सूचित करते हैं। ये सभी शब्द संज्ञाएँ हैं। समूह को सूचित करने के कारण इन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
अन्य उदाहरण: दल, टोली, गड्डी, ढेर, गट्ठर, मंडली, जुलूस, सेना आदि।
द्रव्यवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा शब्द से धातु, द्रव्य या पदार्थ का बोध होता है, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
उद्धाहरण:
यह अंगुठी सोने की है।
दो किलो चावल बचा हैं।
सरसों का तेल कितने रूपये किलो है?
इन वाक्यों में सोने, चावल, सरंसो शब्द वैसे तो संज्ञा शब्द ही हैं, लेकिन हम इन्हें गिन नहीं सकते। इन्हें नापना या तौलना पड़ता है। धातु, द्रव्य या पदार्थ को सूचित करने के कारण इन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
अन्य उदाहरण: चीनी, लोहा, ताँबा, सोना, पानी, मिट्टी, दूध, चाय, पेट्रोल आदि।
भाववाचक संज्ञा बनाना
भाववाचक संज्ञा का निर्माण चार प्रकार के शब्दों से होता है:
1. जातिवाचक संज्ञा से
2. सर्वनाम से
3. क्रिया से
4. विशेषण से
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा शब्द बनाना
जातिवाचक | भाववाचक |
---|---|
बच्चा | बचपन |
बाल | बालपन |
लड़का | लड़कपन |
पागल | पागलपन |
मानव | मानवता |
पशु | पशुता |
विशेषण शब्दों से भाववाचक संज्ञा शब्द बनाना
विशेषण | भाववाचक |
---|---|
सुंदर | सुंदरता |
खट्टा | खटास |
सफेद | सफेदी |
हरा | हरियाली |
अच्छा | अच्छाई |
भला | भलाई |
क्रिया शब्दों से भाववाचक संज्ञा शब्द बनाना
क्रिया | भाववाचक |
---|---|
लिखना | लिखाई |
बुनना | बुनाई |
थकना | थकावट |
पढ़ना | पढ़ाई |
पीसना | पिसाई |
मिलाई | मिलावट |
संज्ञा से आप क्या समझते हैं? और इसके कितने भेद होते हैं?
किसी व्यक्ति, पशु-पक्षी, वस्तु, गुण, भाव, अवस्था के नाम को संज्ञा कहते हैं। हम जानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव, गुण और अवस्था का अपना-अपना नाम होता है। व्याकरण में नाम को ही संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के तीन प्रमुख भेदों के बारे में हम पढ़ चुके हैं। यहाँ हम उसके दो अन्य भेदों की चर्चा करेंगे। इस प्रकर संज्ञा के कुल पाँच भेद हुए:
(i). व्यक्तिवाचक
(ii). जातिवाचक
(iii). भाववाचक
(iv). समूहवाचक
(v). द्रव्यवाचक
जातिवाचक संज्ञा क्या है? उद्धाहरण सहित समझाइये।
जिस संज्ञा से उसके पूरे वर्ग या जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: देश, नेता, पक्षी, फूल, बच्चे, मकान, गाय, गाँव आदि।
उद्धाहरण:
लड़का गरीब था। (प्रत्येक लड़का को लड़का कहते हैं।)
नदी पर्वत से निकलती है। (हर नदी को नदी और हर पर्वत को पर्वत कहते हैं।)
भाववाचक संज्ञा की परिभाषा उद्धाहरण देकर लिखिए।
जिस संज्ञा से किसी प्राणी या वस्तु के किसी गुण, भाव या दशा (अवस्था) का बोध होता हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
उद्धाहरण:
• हम बचपन को याद करते हैं।
• शिक्षक ने छात्र की प्रशंसा की।
उपरोक्त वाक्यों में बचपन, प्रशंसा, प्रेम संज्ञा शब्द किसी-न-किसी भाव, गुण या अवस्था का बोध कराती है। भाव, गुण अवस्था आदि का हम केवल अनुभव कर सकते हैं, इन्हें देख या छू नहीं सकते। ऐसी संज्ञाओं को भाववाचक संज्ञा कहते है।