NCERT Solutions for Class 5 Hindi Grammar Chapter 7 क्रिया (Kriya) aur Kriya ke Bhed updated for CBSE Session 2023-2024 free to use online or download in PDF file format. Definition related to Kriya and its kind are given in simplified format, so that a student of standard 5 can understand easily. Important examples based on Kriya and its kind are also given for practice for final exams.
Class 5 Hindi Grammar Chapter 7 Kriya
कक्षा: 5 | हिंदी व्याकरण |
अध्याय: 7 | क्रिया और क्रिया के भेद |
CBSE NCERT Class 5 Hindi Grammar Chapter 7 Kriya
क्रिया किसे कहते हैं?
जिन शब्दों से किसी काम का करना या होना पाया जाए, उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे:
- लड़कियाँ गेंद खेल रही है।
- अध्यापिका पढ़ा रही है।
- बच्चे हँस रहे हैं।
ऊपर के वाक्यों में ‘लिख रही हैं’, ‘खेल रहा है’, ‘पढ़ा रही हैं’ और ‘हँस रहे हैं’ शब्द किसी काम के करने या होने का बोध हो रहा हैं। ये सभी शब्द क्रियाएँ हैं।
धातु
क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। जैसे: पढ़, लिख, हँस, आ, जा, खेल आदि।
सामान्य रूप: धातु के आगे ‘ना’ लगाने से धातु का सामान्य रूप प्राप्त होता है। जैसे:
- पढ़ + ना = पढ़ना
- लिख + ना = लिखना
- हँस + ना = हँसना
क्रिया के भेद
क्रिया के दो भेद होते हैं:
(i). सकर्मक क्रिया
(ii). अकर्मक क्रिया
1. सकर्मक क्रिया
जिस क्रिया में कर्ता के काम करने का फल कर्म पर पड़े, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे:
रमेश पुस्तक पढ़ता है।
मैं विद्यालय जाता हूँ।
पंकज पानी पीता है।
ऊपर लिखे वाक्यों में पढ़ता है’, ‘जाता है’, ‘पीता है’ क्रियाएँ सकर्मक हैं। यहाँ ‘पढ़ना’ क्रिया का फल पुस्तक पर, ‘जाता’ क्रिया का फल विद्यालय पर और ‘पीता’ क्रिया का फल पानी पर पड़ रहा है। जिन वाक्यों में कर्म न होते हुए भी ‘क्या’ प्रश्न करने पर उत्तर मिलता है तो वह सकर्मक क्रिया होती है। जैसे- रमेश पढ़ता है। क्या पढ़ता? उत्तर- पुस्तक।
2. अकर्मक क्रिया
जिस क्रिया में कर्ता के काम करने का फल कर्म पर न पड़कर कर्ता पर पड़े उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे:
योगेश हँसता है।
घोड़ा दौड़ता है।
सुप्रिया चलती है।
ऊपर लिखे वाक्यों में ‘हँसता है’, ‘दौड़ता है’, ‘चलती है’ क्रियाएँ अकर्मक हैं। ये बिना कर्म के हैं। यहाँ क्रिया का फल कर्ता पर पड़ रहा है ना कि कर्म पर। इन वाक्यों में ‘क्या’ प्रश्न करने पर उत्तर नहीं मिलता। जैसे:
विकास हँसता है।
क्या हँसता है? उत्तर- नहीं है।
क्रिया के कुछ अन्य भेद
1. द्विकर्मक
कभी-कभी सकर्मक क्रिया में दो कर्म होते हैं, ऐसी क्रियाओं को द्विकर्मक क्रिया कहा जाता है। जैसे:
(क) मोहन ने सोहन को घड़ी दी।
(ख) मैं सचिन को पत्र लिखूगा।
पहले वाक्य में सोहन और घड़ी तथा दूसरे वाक्य में सचिन और पत्र कर्म हैं, इसलिए यह द्विकर्मक क्रिया कहलाते हैं।
2. संयुक्त क्रिया
जब एक से अधिक क्रियाओं का प्रयोग एक साथ किया जाए, उसे संयुक्त क्रिया कहते हैं। जैसे:
(क) रोहित खाता जा रहा है।
(ख) अजय गाता चला जा रहा है।
3. प्रेरणादायक क्रिया
जहाँ कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी दूसरे से कार्य करवाए, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे:
(क) माँ नौकर से कपड़े धुलवाती है।
(ख) पिता अध्यापक से पुत्र को पढ़वाता है।
यहाँ ‘धुलवाती है’, ‘पढ़वाता है’ प्रेरणार्थ क्रियाएँ हैं
धातु किसे कहते हैं? और धातु से क्रिया कैसे बना सकते हैं?
क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। जैसे: पढ़, लिख, हँस, आ, जा, खेल आदि।
सामान्य रूप:
धातु के आगे ‘ना’ लगाने से धातु का सामान्य रूप प्राप्त होता है। जैसे:
पढ़ + ना = पढ़ना
लिख + ना = लिखना
हँस + ना = हँसना
क्रिया के कितने भेद हैं? द्विकर्मक क्रिया को उद्धाहरण सहित समझाइये।
क्रिया के मुख्यतः तीन भेद हैं:
(i). द्विकर्मक क्रिया
(ii). संयुक्त क्रिया
(iii). प्रेरणादायक क्रिया
द्विकर्मक क्रिया: कभी-कभी सकर्मक क्रिया में दो कर्म होते हैं, ऐसी क्रियाओं को द्विकर्मक क्रिया कहा जाता है। जैसे:
(क) मोहन ने सोहन को घड़ी दी।
प्रेरणादायक क्रिया को परिभाषित कीजिये।
जहाँ कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी दूसरे से कार्य करवाए, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे:
(क) माँ नौकर से कपड़े धुलवाती है।
(ख) पिता अध्यापक से पुत्र को पढ़वाता है।
यहाँ ‘धुलवाती है’, ‘पढ़वाता है’ प्रेरणार्थ क्रियाएँ हैं