Class 7 Hindi Grammar Chapter 5 शब्द विचार (Shabd Vichar). Know more about Class 7 Hindi Vyakaran topics like शब्द विचार, Shabd ke bhed, Vilom shabd, anekarthi shabd, prayayvachi shabd, samrupi bhinnarthak shabd, aadi. All the contents are modified and revised for academic session 2024-25 for state board and CBSE education in simplified language. All the contents are free to use without any login or password.

कक्षा 7 हिन्दी व्याकरण पाठ 5 शब्द विचार

कक्षा: 7 हिन्दी व्याकरण
अध्याय: 5 शब्द विचार

शब्द विचार

शब्द एक या अधिक अक्षर से निर्मित स्वतंत्र एवं सार्थक ध्वनि-समूह को “शब्द” कहते हैं। जैसे- कमल, लड़का, वह आदि। उपर्युक्त परिभाषा से निम्नलिखित बातें उभरकर सामने आती हैं:

    • शब्द में एक या अधिक वर्ण होते हैं।
    • ध्वनि-समूह सार्थक होना चाहिए।
    • शब्द स्वतंत्र होते हैं।

शब्दों के भेद
शब्दों का वर्गीकरण निम्नलिखित चार प्रकार से किया जाता है:

    1. अर्थ की दृष्टि से
    2. व्युत्पत्ति या रचना की दृष्टि से
    3. उत्पत्ति की दृष्टि से
    4. रूपांतर की दृष्टि से

अर्थ की दृष्टि से शब्द-भेद

सार्थक निरर्थक अर्थ की दृष्टि से शब्दों को दो भागों में बाँटा गया है: सार्थक और निरर्थक।

सार्थक

जिन शब्दों से अर्थ का बोध होता है, वे सार्थक शब्द कहलाते हैं। जैसे: गुलाब, आँख, कान, कमरा आदि। सार्थक शब्द अनेक प्रकार के होते हैं।

    • (क) एकार्थी
    • (ख) अनेकार्थी
    • (ग) विलोम
    • (घ) पर्यायवाची
    • (ङ) समरूपी भिन्नार्थक
एकार्थी शब्द

जिन शब्दों का प्रयोग प्रायः एक ही अर्थ में किया जाता है, उन्हें एकार्थी शब्द कहा जाता है। जैसे: मेज, घर, फरवरी, डाली आदि।

अनेकार्थी शब्द

जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ निकलते हैं, उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते हैं। जैसे: अनेक अर्थ
शब्द कनक – सोना, धतूरा, वर्ण – अक्षर, रंग, जाति, चीर – वस्त्र, रेखा, कर – हाथ, टैक्स,

विलोम शब्द

एक दूसरे का उल्टा अर्थ देने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहते हैं। जैसे:

शब्द विलोम शब्द
धनी निर्धन
अंधेरा उजाला
कच्चा पक्का
कटु मधुर
ऊँचा नीचा
पर्यायवाची शब्द
शब्द पर्यायवाची
आँख चक्षु, नयन, नेत्र
शिशु बालक, लड़का, बाल
सिंह शेर, केसरी, बनराज
गाय गौ, धेनु, सुरभि
समरूपी भिन्नार्थक शब्द

जिन शब्दों का उच्चारण लगभग समान हो परंतु अर्थ भिन्न-भिन्न हों, उन्हें समरूपी भिन्नार्थक शब्द कहते हैं। जैसे:

शब्द भिन्न अर्थ
अंतर हृदय, छल, अंदर
छाल पेड़ की छाल,
जायज उचित, जायद, अधिक
ग्रह घर, नक्षत्र
निरर्थक

जिन शब्दों से अर्थ का बोध नहीं होता, वे निरर्थक शब्द कहलाते हैं। जैसे: चें, चें, हल्ल, कल्ह आदि। कभी-कभी निरर्थक शब्दों का प्रयोग भी सार्थक शब्दों की भाँति किया जाता है। जैसे: टर-टर बंद करो।

2. व्युत्पत्ति या रचना की दृष्टि से शब्द-भेद

व्युत्पत्ति या रचना की दृष्टि से शब्दों के तीन भेद होते हैं: रूढ़, यौगिक और योगरूढ़।

रूढ़

रूढ़ शब्द वे हैं जिनका कोई भी खंड सार्थक नहीं होता और जो परंपरा से किसी अर्थ में प्रयुक्त होते हैं। जैसे: आदमी, हाथी, लोटा आदि।

यौगिक

वे शब्द जो दो सार्थक शब्दों के योग से बने हों, उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं। जैसे:

शब्द- 1 शब्द- 2 यौगिक शब्द
पाठ शाला पाठशाला
हिम आलय हिमालय
योग शाला योगशाला
हिम आंचल हिमांचल
योगरूढ़

जो शब्द दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बने हों, लेकिन शब्द-खंडों से विशेष अर्थ प्रकट करते हों।
जैसे: पंकज, नीलकंठ, जलज आदि।
पंकज – पंक + ज, पंक से उत्पन्न होने वाला लेकिन इसका अर्थ “कमल” होता है।

3. उत्पत्ति की दृष्टि से शब्द भेद

उत्पत्ति की दृष्टि से शब्दों के चार भेद होते हैं:

    1. तत्सम
    2. तद्भव
    3. देशज
    4. विदेशज।
तत्सम

संस्कृत के वे शब्द जिनका प्रयोग हिंदी में बिना किसी परिवर्तन के मूल स्वरूप में ही होता है, तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे: अग्नि, जीवन, आकाश आदि।

तद्भव

संस्कृत के वे शब्द जिनका हिंदी स्वरूप परिवर्तित हो गया है, तद्भव शब्द कहलाते हैं। जैसे: गौ से गाय, दंत से दाँत, आम्र से आम आदि।

देशज

जो शब्द क्षेत्रीय प्रभाव के कारण बोल-चाल से बने हैं और हिंदी द्वारा अपना लिए गए हैं, देशज शब्द कहलाते हैं। जैसे: छाती, खोट, पेट आदि।

विदेशज

हिंदी के वे शब्द जो विदेशी भाषाओं से लिए गए हैं, विदेशज शब्द कहलाते हैं। जैसे: स्टेशन, पुलिस आदि। अरबी से तारीख, अदालत, कर्ज, किताब, कलई आदि। फ़ारसी से चश्मा, आराम आमदनी, आवारा, कमरा आदि। अंग्रेजी से कॉलेज, रेल, स्कूल आदि। तुर्की से कैची, लाश, खजांची कुरता, चाकू, ताश आदि। पुर्तगाली से फीता, अलमारी, किरानी आदि। फ्रांसीसी से अंग्रेजी, कयूं, बिगुल, कारतूस, कूपन आदि।

4. रूपांतर की दृष्टि से शब्द भेद

रूपांतर की दृष्टि से शब्द दो प्रकार के होते हैं:
1. विकारी
2. अविकारी

विकारी शब्द

विकारी उस शब्द को कहते हैं, जिसका रूप, लिंग, वचन, कारक व क्रिया के अनुसार बदलता है। जैसे:
1. लड़का पढ़ रहा है। लड़की पढ़ रही है। (लिंग परिवर्तन)
2. लड़का दौड़ रहा है। लड़के दौड़ रहे हैं। (वचन परिवर्तन)
3. लड़के के लिए आम लाओ। (कारक परिवर्तन)

संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण तथा क्रिया विकारी शब्द हैं।

अविकारी शब्द

अविकारी शब्द उसे कहते हैं, जिसका रूप लिंग, वचन, कारक व क्रिया के अनुसार नहीं बदलता है। जैसे- यहाँ – यहाँ लड़का बैठा है। यहाँ लड़की बैठी है। (लिंग परिवर्तन), यहाँ लड़के बैठे हैं। (वचन परिवर्तन), यहाँ लड़कों को बैठाओ। (कारक परिवर्तन), इसे अव्यय भी कहते हैं। क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक अविकारी शब्द हैं।

स्मरणीय तथ्य

दो या दो से अधिक वर्णों का सार्थक समूह शब्द कहलाता हैं।
शब्दों का वर्गीकरण चार प्रकार से किया जाता है:

    • 1. अर्थ की दृष्टि से
    • 2. रचना की दृष्टि से
    • 3. उत्पत्ति की दृष्टि से
    • 4. रूपांतर की दृष्टि से

अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद हैं: सार्थक और निरर्थक।
सार्थक शब्दों के पाँच भेद होते हैं:

    • 1. एकार्थी
    • 2. अनेकार्थी
    • 3. पर्यायवाची
    • 4. विलोम
    • 5. समरूपी भिन्नार्थक शब्द

रचना की दृष्टि से शब्दों के तीन भेद हैं: रूढ़, यौगिक और योगरूढ़।
उत्पत्ति की दृष्टि से शब्द के चार भेद हैं:
1. तत्सम
2. तद्भव
3. देशज
4. विदेशज

रूपांतर की दृष्टि से शब्द के दो भेद हैं:
1. विकारी
2. अविकारी

Class 7 Hindi Grammar Chapter 5 शब्द विचार
शब्द विचार
Vilom Shabd
Class 7 Hindi Grammar Chapter 5
Last Edited: June 22, 2023