NCERT Solutions for Class 6 Hindi Grammar all chapters for academic session 2022-2023. Contents related to grammar for 6th standard are given separately chapter wise. Examples and explanation of each topic is done in simple language, so that a student of grade 6 understand easily. If someone is facing to access the contents on Tiwari Academy website, please contact us for help. We are here to help you without any charge.
कक्षा 6 के लिए हिन्दी व्याकरण
कक्षा: 6 | हिन्दी |
सामाग्री: | हिन्दी व्याकरण |
कक्षा 6 के लिए हिन्दी व्याकरण सत्र 2022-2023 के लिए
कक्षा 6 व्याकरण से सभी अध्याय निम्नलिखित हैं:
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 1 भाषा, लिपि तथा व्याकरण
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 2 वर्ण-विचार
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 3 संधि
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 4 शब्द-विचार
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 5 संज्ञा
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 6 लिंग तथा उसके भेद
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 7 वचन
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 8 कारक के भेद
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 9 सर्वनाम
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 10 विशेषण
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 11 क्रिया
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 12 काल
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 13 वाच्य
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 14 उपसर्ग
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 15 प्रत्यय
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 16 समास
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 17 अविकारी शब्द
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 18 पद परिचय
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 19 वाक्य
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 20 क्रिया-विशेषण
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 21 संबंधबोधक अव्यय
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 22 समुच्चयबोधक शब्द
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 23 विस्मयादिबोधक शब्द
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 24 शब्द भंडार
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 25 सामान्य अशुद्धियाँ
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 26 विराम चिह्न
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 27 मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 28 अपठित गदयांश
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 29 अनुच्छेद लेखन
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 30 पत्र लेखन
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 31 कहानी लेखन
- Class 6 Hindi Grammar Chapter 32 निबंध लेखन
यहाँ हम हिंदी भाषा, लिपि तथा व्याकरण के बारे विस्तार से अध्ययन करेंगे। इसके अंतर्गत हम वर्ण विचार, स्वर-व्यंजन, संधि तथा उसके भेद, शब्द-विचार, संज्ञा, क्रिया-विशेषण, लिंग, वचन, कारक, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, काल, वाच्य, अनुच्छेद लेखन, अपठित गदयांश, मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ, आदि के बारे में पढ़ेंगे। प्रत्येक के बारे में विस्तार से उदाहरण सहित समझाया गया है ताकि विद्यार्थी भलीभाँति इसे समझ सकें।
भाषा व्याकरण
व्याकरण द्वारा भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान होता है। व्याकरण एक शास्त्र है। इसमें भाषा के संबंध में नियम होते हैं। इन नियमों के ज्ञान से भाषा को शुद्ध रूप से लिखना, बोलना आता है। किसी भी भाषा के ज्ञान के लिए उसके व्याकरण का ज्ञान होना आवश्यक है।
इसी आधार पर व्याकरण के तीन विभाग होते हैं:
- वर्ण-विचार
- शब्द-विचार
- वाक्य-विचार
शब्द-विचार
व्याकरण के इस विभाग में शब्दों के स्वरूप, भेद, प्रकार, लिंग, वचन आदि के बारे में विचार किया जाता है।
वाक्य-विचार
इस विभाग में वाक्य, वाक्य-रचना, वाक्य-भेद, विराम-चिह्न आदि के बारे में विचार किया जाता है।
विलोम शब्द
जो शब्द परस्पर विपरीत अर्थ का बोध कराते हैं, विलोम शब्द कहलाते हैं।
जैसे:
जय पराजय,
पाप पुण्य,
दिन रात
सर्वनाम के नियम
- सर्वनाम का प्रयोग एकवचन और बहुवचन दोनों में होता है।
- सर्वनाम पुल्लिग और स्त्रीलिंग दोनों रूपों में समान रहते हैं।
- सर्वनाम शब्दों में संबोधन नहीं होता।
- सर्वनामों के रूपों में वचन एवं संबंधकारक के कारण ही परिवर्तन होता है।
सार्वनामिक विशेषण
ऐसे सर्वनाम जो संज्ञा से पहले उसकी विशेषता बताते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे:
वह मेरा घर है। कोई नहीं रुकेगा। कौन लोग आए थे?
इन वाक्यों में “वह”, “कोई”, और “कौन” सर्वनाम क्रमशः “घर”, “खिलाड़ी” और “लोग” संज्ञाओं की विशेषता बताने के कारण विशेषण हो गए हैं। सार्वनामिक विशेषण को संकेतवाचक विशेषण भी कहते हैं।
कक्षा 6 हिन्दी व्याकरण के आधार पर वर्ण-विचार को समझाइए?
व्याकरण के इस विभाग में वर्गों के स्वरूप, भेद, प्रकार आदि के बारे में विचार किया जाता है।
एकार्थी शब्द किसे कहते हैं?
जिन शब्दों का केवल एक ही अर्थ होता है, एकार्थी शब्द कहलाते हैं। व्यक्तिवाचक संज्ञा के शब्द इसी कोटि के शब्द हैं; जैसे- गंगा, दिल्ली, जर्मन, राधा, मार्च आदि।
अनेकार्थी शब्दों से आप क्या समझते हैं?
जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, वे अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं। जैसे कर – हाथ, टैक्स, तीर – किनारा, बाण। अंक – नाटक का अंक, गोद, संख्या पद – स्थान, अधिकार, शब्द।
लिपि से क्या तात्पर्य है?
किसी क्षेत्र में प्रयोग किया जाने वाला भाषा का स्थानीय रूप बोली कहा जाता है। भाषा के लिखित रूप का आधार उस भाषा की लिपि होती है।